प्रेस विज्ञप्ति
करीम सिटी कॉलेज में मानवीय मूल्य और साहित्य के विषय पर व्याख्यान आयोजित
जमशेदपुर 16 दिसंबर 2022
करीम सिटी कॉलेज की साहित्यिक तथा वैचारिक संस्था CAD (Centre for Academic Development) के तत्वाधान में एक व्याख्यान का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम अपराहन चार बजे संस्था के सचिव डॉ मोहम्मद जकरिया और प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज की मौजूदगी में फैकल्टी स्टडी में आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता बांग्ला विभाग के अध्यक्ष तथा परीक्षा नियंत्रक डॉ बी एन त्रिपाठी ने की। व्याख्यान का विषय था- "मानवीय मूल्य और साहित्य " तथा वक्ता थे- हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ मोहम्मद फिरोज आलम। इस व्याख्यान सभा में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य तीनों संकायओ के विभागाध्यक्षों, प्राध्यापकों तथा अन्य साहित्य प्रेमी बंधुओं ने उपस्थित रहकर कार्यक्रम वक्तव्य सुना।
सर्वप्रथम कैड की प्रभारी प्राध्यापिका डॉ संध्या सिन्हा ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया तथा निर्धारित विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन में मूल्य वे मान और आदर्श होते हैं जिनकी कसौटी पर सत्य और उचित की जांच होती है। साहित्य और साहित्यकार समाज का दिग्दर्शक और सजग प्रहरी होते हैं और यह मानने में हमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए कि भारतीय साहित्य की मानवीय मूल्यों की संरचना, संरक्षण तथा संवर्धन करने में प्रमुख भूमिका रही है। इसी के साथ उन्होंने मुख्य वक्ता को आमंत्रित किया।
मुख्य वक्ता डॉ मोहम्मद फिरोज आलम ने कहा कि मानवीय मूल्य मानव जीवन की वह आधारशिला है जिसका रक्षक साहित्य है। साहित्य का काम मानव मूल्यों का संवर्धन करना है। रचनाकार अपनी रचनाओं के माध्यम से इन्हीं मूल्यों को बनाए रखने का प्रयास करता है जिससे समाज का और देश का विकास संभव हो सके। जब मानवीय मूल्य ही न होंगे तो समाज निश्चित रूप से अराजकता की ओर चला जाएगा। साहित्य का काम मनुष्य को मनुष्य बनाए रखना और उसे मनुष्यता के चरम तक ले जाना है। अंत में हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ एससी गुप्ता ने साहित्यकारों की जिम्मेवारी तय करते हुए कहा कि उन्हें चाहिए के 'लिखो और बेेचो' की सोच से हटकर अपनी भावनात्मक रचनाओं को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि साहित्य व्यापार नहीं है। साहित्य तो जीने और जिलाने का माध्यम है और हाथ में मशाल लेकर समाज की अगुवाई करने की एक जिम्मेवारी है।
इस अवसर पर प्राचार्य मोहम्मद रेयाज तथा सचिव महोदय ने भी संबोधन किया और डॉ फिरोज तथा डॉ संध्या सिन्हा को बधाई तथा आशीर्वाद दिए।
लगभग 1 घंटे के वक्तव्य के बाद प्रश्नोत्तर सत्र प्रारम्भ हुआ जिसके तहत कई शिक्षकों ने प्रश्न पूछे और डा फिरोज ने संतोषप्रद उत्तर दिए।
अंत में डॉ बसूधरा राय ने धन्यवाद ज्ञापन किया।